आखिर क्यों हुआ परमिट पर बवाल

गली -मोहल्ले तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए संभागीय परिवहन प्राधिकरण सीएनजी ऑटो के नए परमिट खोलने की तैयारी में है। ई-रिक्शा और ई-ऑटो संचालकों को सीएनजी ऑटो के परमिट देकर डोर-टू-डोर कनेक्टिविटी बढ़ाने का प्रस्ताव 23 दिसंबर को आरटीए की बैठक में पेश किया जाएगा। इसे लेकर ऑटो संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है। ऑटो यूनियन का कहना है, नए परमिट दिए जाने से सड़कों पर नए ऑटो आने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होगी, वहीं ऑटो संचालकों का रोजगार प्रभावित होगा।

 

जिस पर आरटीओ सुनील शर्मा ने कहा कि नए परमिट उन्हीं लोगों को दिए जाएंगे जो अभी ई-रिक्शा या अन्य वाहन चला रहे हैं। इससे यह परमिट धारक नियम के दायरे में ऑटो चलाएंगे। इसका असर ऑटो संचालकों पर नहीं पड़ेगा। कहा मैक्स अस्पताल तक अनुमति देने पर ऑटो को मालसी क्षेत्र में ऊंचाई तक जाना पड़ेगा, जो ऑटो के लिए आसान नहीं होगा। इसी तरह जौलीग्रांट तक जाने पर वहां के स्थानीय टैक्सी संचालक इसका विरोध करेंगे। इसीलिए यह अनुमति नहीं दी जा रही है।

 

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