उत्तराखंड में तो नही हो पाया इंडी एलाइंस का मिलन, पहले ही मोर्चे में हुआ फेल

देशभर में इंडी गठबंधन एक साथ चुनाव लड़कर केंद्र की मोदी सरकार को हारने की कवायत कर रहे हैं। और इसके लिए कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर असम तक कांग्रेस के नेतृत्व में कई दलों ने गड़बंधन किया है। और इन्ही में से एक दल है भाकपा(माले)। भाकपा (माले) देश के अगल अलग राज्यों में चुनाव लड़ती आ रही है। लेकिन इस बार इंडी गटबंधन के तहत वो लड़ रहे हैं तो टिकट की मांग भी कर रहे हैं।

और इसी क्रम में भाकपा (माले) ने उत्तराखंड की एक सीट पर टिकट मांगा था, जो की गढ़वाल लोकसभा सीट है। वहीं कांग्रेस ने गढ़वाल लोकसभा सीट से गणेश गोदियाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिसके बाद अब उत्तराखंड में इंडी गडबंधन साथ में लड़ता हुआ नजर नही आ रहा है।

वहीं पिछले कुछ समय में देखा गया है कि इंडी गठबंधन के कई सारे दलों ने कांग्रेस और इस गठबंधन से दूरी बना ली है।

देखने के लिए यह भी मिल रहा है कि जिन-जिन राज्यों में कांग्रेस मजबूत है और उसकी उपस्थिति है, वहां पर वह अन्य दालों के साथ या तो मिलकर नहीं चुनाव नही लड़ रही है या फिर उनको बहुत कम सीट दे रही है।

 

इन्द्रेश मैखुरी, भाकपा(माले) उत्तराखंड , राज्य सचिव द्वारा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को लिखा गया पत्र

 

आदरणीय माहरा जी,

                 देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने हैं. यह चुनाव देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. सत्ता में कौन आएगा से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि देश में लोकतंत्र और संविधान का अस्तित्व रहेगा या नहीं ! वर्तमान सत्ता बुलडोजर के तले न केवल लोगों के घर बल्कि उनका जीवन, भविष्य, न्याय, लोकतंत्र और संविधान सभी कुछ रौंदने पर उतारू है. इसलिए लोकतंत्र पसंद और संविधान के पक्षधर लोगों/ दलों के लिए यह बहुत चुनौतीपूर्ण समय है. राष्ट्रीय स्तर पर इस चुनौती का मुक़ाबला करने के लिए ही इंडिया के नाम से तमाम विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया है, जिसमें आपकी पार्टी- कॉंग्रेस और हमारी पार्टी- भाकपा(माले) शामिल है.

निश्चित ही जब लोकसभा चुनाव का समय है तो सीटों पर भी बात होनी ही चाहिए. आपकी पार्टी अपनी चुनावी कवायद कर रही है, जो कि बेहद स्वाभाविक है.

इसी सीटों के बंटवारे के संदर्भ में यह निवेदन करना है कि पिछले लोकसभा चुनाव तक भाकपा(माले) दो लोकसभा सीटें- गढ़वाल और नैनीताल लड़ती रही है. दोनों ही सीटों पर हमारे वोटों की संख्या हर बार बढ़ी है.

 

गढ़वाल लोकसभा सीट तो वामपंथ 1952 से लड़ता रहा है और तब पेशावर विद्रोह के नायक कॉमरेड चंद्र सिंह गढ़वाली, कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीद्वार थे.

गढ़वाल लोकसभा सीट के विभिन्न हिस्सों में हमारी पार्टी- भाकपा(माले) और उसके जन संगठनों का उल्लेखनीय कामकाज है. जोशीमठ में बीते एक वर्ष से विस्थापन, पुनर्वास, स्थिरीकरण को लेकर आंदोलन चल रहा है, जिसने देश-दुनिया की निगाह अपनी तरफ खींची है, उसकी अगुवाई करने वाले-कॉमरेड अतुल सती, हमारी पार्टी की राज्य कमेटी के सदस्य हैं. इसके अलावा इस लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न पॉकेट्स में छात्र-युवाओं, मजदूरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हमारा कामकाज है.

इसलिए भाकपा(माले) का यह प्रस्ताव है कि इंडिया गठबंधन के तहत गढ़वाल लोकसभा सीट, भाकपा(माले) को दी जाये.

आपको यह ज्ञात होगा ही कि इस संदर्भ में आपकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी के सामने हमारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने यह प्रस्ताव रख दिया था.

अच्छा होता कि सीट संबंधी यह चर्चा इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों की बैठक में होती, लेकिन अपरिहार्य कारणों से ऐसा नहीं हो पा रहा है.

इसीलिए यह प्रस्ताव, इस रूप में गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आपको सौंपा दिया है.

यह भी अर्ज करना है कि यह प्रस्ताव इंडिया गठबंधन के दायरे में ही है. देश में लोकतंत्र,संविधान की रक्षा के लिए फासिस्ट भाजपा सरकार को शिकस्त देने के लिए भाकपा(माले) पूरे देश की तरह ही उत्तराखंड में भी इंडिया गठबंधन को मजबूत करने के लिए कटिबद्ध है.

 

सधन्यवाद,

सहयोगाकांक्षी,

इन्द्रेश मैखुरी,

राज्य सचिव,

भाकपा(माले),उत्तराखंड

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