मुख्यमंत्री धामी के प्रयास ला रहे रंग, बड़े धार्मिक स्थल के रूप में उभरा आदि कैलाश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रसिद्ध आदि कैलाश के दर्शन व पूजा अर्चना के बाद, बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत के दर्शन के लिए यात्री यहॉं पहुंच रहे हैं। इस यात्रा से जहां एक ओर स्थानीय लोगों को विभिन्न माध्यमों होमस्टे होटल वाहन संचालन आदि से आर्थिक लाभ मिल रहा है वही ऑनलाइन, इनर लाइन पास की सुविधा से सरकारों को जहाँ एक ओर राजस्व प्राप्त हो रहा है तथा यात्रियों को पास बनाने में सुविधा भी मिल रही है *यात्री घर बैठे देश के किसी भी कोने से अपना इनर लाइन परमिट बना सकता है।आज ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से यात्रियों द्वारा बनाए जा रहे परमिट से ही सरकार को लगभग 25 लाख तक का राजस्व प्राप्त हो गया है*।

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नई सोच के तहत कुमाऊं मंडल के विभिन्न धार्मिक, पर्यटन स्थलों को मानस मंदिर माला में सामिल किया गया है। ताकी आने वाला यात्री इन धार्मिक व पर्यटन स्थलों भी दर्शन आसानी से कर सके। राज्य सरकार द्वारा मानस खण्ड मंदिर भारत सरकार द्वारा भी चंपावत एवं पिथौरागढ़ के पर्यटन स्थलों के विकास हेतु स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत चयन कर कार्य कराया जा रहा है।

जनपद पिथौरागढ़ के सीमांत गांव गुंजी को वाइब्रेट विलेज के रूप में चयन कर इस क्षेत्र में पर्यटन विकास के कार्य किए जा रहे हैं।

*आज लगभग 80 हजार से अधिक पर्यटक पिथौरागढ़ तक पहुंच गए हैं जिनमें से हजारों पर्यटक आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत के भी दर्शन करने भी जा रहे हैं*।

व्यास घाटी में स्थित आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत के दर्शन के लिए अब लोग वहां से यहां तक आसानी से पहुंच रहे हैं भारत सरकार द्वारा BRO के माध्यम से यहां तक पक्की सड़क बना दी गई है।

यहां के होटल एवं होम स्टे ओवर पैक चल रहे हैं।

मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी के लगातार बेहतर सोच एवं प्रयासों के परिणाम स्वरूप आज सीमांत क्षेत्र के लोगों के चेहरे में खुशी है सरकार की होमस्टे योजना वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना जैसी अनेक योजना का लाभ लेकर सीमांत क्षेत्र का हर एक व्यक्ति आज अपना स्वरोजगार व व्यवसाय कर रहा है। व आने वाले पर्यटकों को सुविधाएं प्रदान कर रहा है।

 

आदि कैलाश यात्रा से स्थानीय लोगों की आय में बृद्धि हुई है

 

मुख्यमंत्री के निर्देश में पिथौरागढ़ जिला प्रशासन द्वारा कैलाश यात्रियों को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन परमिट बनाने की व्यवस्था दी गई है।

 

मुख्यमंत्री धामी की बेहतर सोच एवं पहल पर आदि कैलाश यात्रा जो पूर्व में काठगोदाम से प्रारंभ होती थी उसे चंपावत के टनकपुर से प्रारंभ कर वापसी काठगोदाम से संचालित की गई है। जिसके परिणाम स्वरुप आज यात्री को मानस खंड मंदिर माला के अधिकांश धार्मिक स्थलों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है*।

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