वाडिया संस्थान की रिसर्च में बड़ा खुलासा-उत्तराखंड की 25 झीलें संवेदनशील, 6 को बड़ा खतरा

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा जैसे आम हो चुका है। खासतौर मानसून अपने साथ प्रदेशभर में आपदाओं को लेकर आता है।  दूसरी तरफ वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Wadia Institute of Himalayan Geology) की ताज़ा रिसर्च सामने आई है जिसने सभी को चौका दिया है। वाडिया इंस्टिट्यूट की नई रिसर्च में प्रदेश की 25 झीलों को संवेदनशील श्रेणी में रखा है, जबकि 6 झीलें ऐसी हैं, जिन्हें अत्यधिक खतरनाक (High Risk) माना गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इन झीलों का निरंतर विस्तार हो रहा है, जो एक बड़े खतरे की घंटी बजा रहा है। ग्लेशियर के पिघलने से झील खतरनाक आकार ले रही है रिसर्च में ग्लेशियर झीलों को चिन्हित किया गया है

रिपोर्ट के अनुसार इन झीलों पर भूस्खलन, अत्यधिक बारिश और ग्लेशियर पिघलने जैसे कारणों से ग्लेशियर झील विस्फोट (GLOF) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यह स्थिति राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी तबाही का कारण बन सकती है।

वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बताया कि उत्तराखंड में अकेले मसार ताल झील में साल 2013 से साल 2023 तक 50 प्रतिशत का विस्तार हुआ उधर सफेद ताल वसुंधरा ताल मंबग ताल भी खतरे की घंटी बजा रही है हालांकि वैज्ञानिकों ने यह भी साफ किया कि सभी जिलों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है

 

मनीष मेहता , वैज्ञानिक,. वाडिया इंस्टिट्यूट

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